उत्तर प्रदेश में प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है। ECCE (अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन) एजुकेटरों की भर्ती प्रक्रिया तेज हो गई है। बाल वाटिकाओं में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। 15 अगस्त को 5,000 से अधिक बाल वाटिकाओं में क्लासेस चालू हुईं। अब संविदा शिक्षकों की तैनाती पर फोकस है।
सरकार कुल 19,000 नए एजुकेटर तैनात करने की योजना बना रही है। पहले चरण में 10,000 से अधिक एजुकेटरों को जगह मिल चुकी है। दूसरे चरण में 8,800 और एजुकेटरों की नियुक्ति होगी। यह सभी 75 जिलों में फैलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान है। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी ये एजुकेटर काम करेंगे।
लखनऊ में आंगनबाड़ी संचालन के लिए 170 एजुकेटर चुने गए हैं। लेकिन अभी नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए। मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन हो रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग इसकी निगरानी कर रहा है। एजेंसी चयन करती है, फिर जिला स्तरीय कमेटी अंतिम फैसला लेती है।
संविदा एजुकेटरों का वर्तमान मानदेय ₹10,313 है। अंतिम राशि ₹10,600 तक पहुंचती है। लेकिन उम्मीदवारों का कहना है कि अगले साल से यह ₹25,000 हो जाएगा। हालांकि, सरकार ने अभी कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया। राज्य सरकार मानदेय बढ़ाने पर काम कर रही है। जल्द घोषणा की उम्मीद है। इससे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
उम्मीदवारों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सेवा प्रदाता कंपनी के अधिकारी नियुक्ति पत्र के नाम पर पैसे मांग रहे हैं। यह ठगी का मामला लगता है। अभ्यर्थी परेशान हैं। वे मांग कर रहे हैं कि प्रक्रिया पारदर्शी हो। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
नियुक्ति 11 महीने की संविदा पर होगी। अच्छा प्रदर्शन होने पर कार्यकाल बढ़ सकता है। लेकिन अभी कोई आदेश नहीं आया। भविष्य में विस्तार की संभावना है। एजुकेटर बाल वाटिकाओं में छोटे बच्चों को पढ़ाएंगे। यह ECCE कार्यक्रम का हिस्सा है।
पात्रता के लिए होम साइंस में स्नातक जरूरी है। पुरुष और महिला दोनों आवेदन कर सकते हैं। सेवायोजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें। वहां से प्रक्रिया शुरू होती है। मेरिट के आधार पर चयन होगा। इच्छुक उम्मीदवार जल्द आवेदन करें।
प्रदेश में बाल वाटिकाएं सभी जिलों में खुल रही हैं। यह प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करेगी। बच्चों की शुरुआती शिक्षा पर जोर है। एजुकेटरों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। वे खेल-खेल में पढ़ाई कराएंगे।
मानदेय बढ़ोतरी की अफवाहें फैल रही हैं। लेकिन बिना आधिकारिक पुष्टि के भरोसा न करें। सरकार से अपडेट का इंतजार करें। शिक्षकों की मांग जायज है। बढ़ती महंगाई में ₹10,600 कम है। ₹25,000 होने से राहत मिलेगी।